नशामुक्त भारत अभियान भोपाल सहित 15 जिलों में

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि नशामुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेश के 15 जिलों में 15 अगस्त से छ: माही क्रियान्वयन शुरू किया गया है। अभियान में देशभर के 272 जिलों का चयन किया गया है, जिनमें प्रदेश के भोपाल, छिंदवाड़ा, दतिया, ग्वालियर, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, मंदसौर, नरसिंहपुर, नीमच, रतलाम, रीवा, सागर, सतना और उज्जैन जिले शामिल हैं। जिलों का चिन्हांकन नशीले पदार्थ और शराब से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के विरुद्ध किये गये राष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया है।

अभियान के तहत संबंधित जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में समितियाँ गठित की गई हैं, जिनमें पुलिस, विधि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया गया है। नशे के आदी हो चुके लोगों को नशामुक्त करने के साथ अभियान का सर्वोच्च उद्देश्य भावी पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में आने से बचाना है।

जिला-स्तर पर गठित समितियाँ नशामुक्त अभियान के क्रियान्वयन, विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावकों के मध्य जन-जागरूकता कार्यक्रम, कॉलेजों में स्टुडेंट क्लब का गठन, चिन्हित नशा पीड़ित लोगों को पुनर्वास केन्द्रों और अस्पतालों में काउंसिलिंग एवं उपचार के लिये ले जाना, जिलों में दी जा रही काउंसिलिंग और उपचार सुविधाओं की सतत निगरानी, शैक्षणिक संस्थाओं के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट की बिक्री न हो, सुनिश्चित करना, ड्रग्स की उपलब्धता और विक्रय की जानकारी मिलते ही इसके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करवाना, संबंधित लोगों को प्रशिक्षण दिलाना, अभियान में जन-सहयोग बढ़ाना, सोशल मीडिया के माध्यम से नशे के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाना आदि शामिल हैं। समिति समय-समय पर प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय की अध्यक्षता में गठित राज्य-स्तरीय समिति को फीडबैक भी देगी।

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