सोना फिर हो सकता है 45 हजारी, जानें क्या है वजह

कोरोना वैक्सीन को लेकर आ रही अच्छी खबरों से सोने-चांदी की कीमतों पर लगातार दबाव देखने को मिल रहा है। कोरोना का कहर बढ़ा तो सोने-चांदी के दाम भी तेजी से बढ़े। निवेश के लिए जोखिम के दौर में सोने को अच्छा विकल्प माना जाता है। ऐसे में निवेशकों ने जमकर सोने में पैसा लगाया, लेकिन अब कीमतों में गिरावट आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नए साल तक वैक्सीन लॉन्च हो जाती है तो सोना की कीमतें 45000 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।

क्यों गिर रहे सोने-चांदी के दाम

मजबूत होते अमेरिकी डॉलर और कोविड-19 वैक्सीन की खबरों के बीच सोना-चांदी सस्ता हुआ है। वहीं गोल्ड ईटीएफ में भी अब निवेशक कुछ खास रुचि नहीं ले रहे हैं। सोना अपने ऑल टाइम हाई से अब तक 5847 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। जबकि चांदी सात अगस्त के अपने उच्च शिखर से 13981 रुपये टूट चुकी है। सात अगस्त को सर्राफा बाजारों में सोना 56254 पर खुला था। यह अपने सर्वोच्च शिखर पर था, जबकि चांदी 76008 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी।

इसके उलट केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि अगर वैक्सीन आ भी जाती है तो मार्केट इसपर डिस्काउंट कर चुका है। गोल्ड में तेजी की वजह मंदी का खतरा है, वैक्सीन का प्रभाव कम है। सेंसेक्स एक नए रिकॉर्ड पर है, लेकिन पिछली दिवाली और इस दिवाली में बहुत ज्यादा फर्क है। वैक्सीन के बनने के बाद उसके डिस्ट्रीब्यूट होने में काफी वक्त लगेगा, ऐसे में ये कहना ठीक नहीं है कि सोने का भाव 45000 तक आ जाएगा।
वहीं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता का कहना है कि कोरोना के टीके को लेकर आ रही सकारात्मक खबरों से सोने के भाव वैश्विक स्तर पर गिर रहे हैं। इसके बावजूद मौजूदा निचले स्तर को देखते हुए सोना अगले एक साल में 57 हजार से 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। उनका कहना है कि लंबी अवधि में सोने में निवेश फायदे का सौदा है।

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