
प्रदीप गांधे ने ध्यानचंद पुरस्कार पर कहा, कभी पुरस्कार का इच्छुक नहीं रहा, पर अब कृतज्ञ हूं
मुंबई, 23 अगस्त। प्रतिष्ठित ध्यानचंद पुरस्कार के लिये चयनित पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच प्रदीप गांधे ने कहा कि वह कभी पुरस्कार पाने के इच्छुक नहीं रहे लेकिन वह कृतज्ञ हैं कि खेलों में उनके योगदान को मान्यता मिली है। गांधे पूर्व भारतीय कोच हैं और उन्होंने एशियाई खेल 1982 में दो कांस्य पदक भी जीते थे। उन्होंने लेरॉय डिसूजा के साथ युगल में कांस्य पदक हासिल किया था।
महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ और भारतीय बैडमिंटन संघ के भी पदाधिकारी रहे गांधे ने एजेसी से कहा, मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं लेकिन इससे भी अधिक यह पुरस्कार एक खिलाड़ी, एक कोच और एक प्रशासक के तौर पर खेलों में मेरे योगदान को मान्यता प्रदान करता है।
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