तीन साल से स्टेडियम का इंतजार

•मध्य प्रदेश में हॉकी के सबसे पुराने प्रकाश क्लब को मिनी स्टेडियम का सपना दिखाकर तीन साल पहले बंद कर दिया गया. इस क्लब में पद्मश्री शंकर लक्ष्मण खेले हैं, जिनके नाम दुनिया का पहला गोलकीपर कप्तान होने का रिकॉर्ड है.

हॉकी राष्ट्रीय खेल भले ही है, लेकिन इंदौर में यह सरकारी उदासीनता का शिकार है. हालात यह है कि यहां के प्रतिभावान खिलाड़ियों को फुटपाथ पर अभ्यास करना पड़ रहा है. प्रदेश में हॉकी की सबसे पुरानी नर्सरी कहलाने वाले 80 साल पुराने प्रकाश क्लब को मिनी स्टेडियम का सपना दिखाकर तीन साल पहले बंद कर दिया गया.

खिलाड़ी तीन साल से स्टेडियम का इंतजार कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि इस क्लब में पद्मश्री शंकर लक्ष्मण, चक दे इंडिया फेम मीररंजन नेगी, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र और अशोक ध्यानचंद जैसे दिग्गज खेल चुके हैं. फिलहाल भारतीय टीम के कोच रहे नेगी सड़कों पर खिलाड़ियों को अभ्यास कराते हैं.

करीब तीन साल पहले ‘विकास’ का सपना दिखाते हुए नगर निगम ने क्लब की जमीन पर स्टेडियम निर्माण प्रारंभ किया, जो अभी तक नहीं बना. क्लब के सचिव देवकीनंदन सिलावट ने बताया कि राष्ट्रीय खेल हॉकी को जीवित रखने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं. तीन साल से क्लब बंद है। हमने निगम के अधिकारियों से भी चर्चा की, लेकिन उन्होंने कहा कि पर्याप्त फंड उपलब्ध न होने से निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा। ऐसा ही रवैया रहा तो हॉकी का खेल इंदौर में खत्म हो यह मैदान शहर की धरोहर हैं, लेकिन इसे मिटाया जा रहा है। पूर्व भारतीय खिलाड़ी और भारतीय टीम के कोच रहे नेगी मुंबई छोड़कर इसलिए आए थे क्योंकि इंदौर में बच्चों को प्रशिक्षण दे सकें। एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोच निश्शुल्क प्रशिक्षण देने को तैयार है, लेकिन उससे मैदान ही छीन लिया गया. अब वह फुटफाथ पर ही खिलाड़ियों को अभ्यास कराते हैं.

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