सेना प्रमुख बोले- स्थिति नाजुक, हम इसपर लगातार विचार कर रहे हैं

भारत और चीन में सीमा विवाद के बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाणे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि LAC पर तनाव है और इसे देखते हुए हमने ऐहतियात के तौर पर तैनाती की है। पूरे एलएसी में तैनाती है ताकि हमारी अखंडता बरकार रहे। उन्होंने कहा कि चीन से लगातार मिलिट्री और डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत हो रही है, यह आगे भी जारी रहेगी। हमें यकीन है कि बातचीत के जरिए समाधान निकल जाएगा और एलएसी पर पहले वाली स्थिति बहाल होगी। हमारे अफसर और जवान दुनिया में सबसे बेहतर हैं। उन पर आर्मी ही नहीं पूरे देश को गर्व है। सबका हौसला एकदम हाई है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मई की शुरुआत से जारी भारत-चीन के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन लगातार सीमा पर उकसावेपूर्ण कार्रवाई कर रहा है। हालांकि, भारतीय जवान उसकी हर हरकत को विफल करते हुए जवाब दे रहे हैं। हाल ही में चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश की थी जिसका भारतीय सेना ने जवाब दिया था।
चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है। यह साफ है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं, वे स्पष्ट रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं।’

विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा कि जिम्मेदाराना तरीके से पूरी स्थिति को संभाला जाना चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटकर सीमा पर तेजी से शांति बहाली के लिए गंभीरता से भारतीय पक्ष का साथ दे।’ प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद मामले में आगे भी बातचीत जारी रहेगी। भारत बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।

दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर उस समय स्थिति और बिगड़ गई थी, जब जून के मध्य में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे, तो वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। इसके बाद, दोनों पक्षों में कई स्तर की वार्ता हुई थी। एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी और शीर्ष सैन्य स्तर की बातचीत के बाद, चीनी सेना कुछ इलाकों से पीछे हटी थीं। हालांकि, फिर से 29-30 अगस्त की रात और 31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने विफल कर दिया था।

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