मौलिक अधिकारों का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठाने वाले केशवानंद भारती का निधन

नई दिल्ली, 06 सितम्बर (एजेंसी)। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत और सुप्रीम कोर्ट में संविधान के मूल ढांचे को अक्षुण्ण रखने को लेकर याचिका दायर करने वाले केशवानंद भारती का रविवार को एडनीर स्थित शैव मठ में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।

उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि सामुदायिक सेवा और दलितों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा, उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु खो दिया है। उनका जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा। ओम शांति!

भारती द्वारा केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती देने संबंधी मामले का हवाला देते हुए कहा वेंकैया ने कहा कि स्वामी केशवानंद भारती की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 1973 में अपना ऐतिहासिक निर्णय दिया था कि संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता।

उन्होंने कहा कि एडनीर मठ के स्वामी केशवानंद भारती के विराट व्यक्तित्व में अद्वैत दर्शन, शास्त्रीय संगीत और लोक संस्कृति का अद्भुत संगम था। कर्नाटक की पारंपरिक नाट्य शैली यक्षगान को मुख्यधारा में लाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट करके अपनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा, पूज्य केशवानंद भारती जी को हम सामुदायिक सेवा के लिए उनके योगदान और दलितों को सशक्त बनाने के लिए हमेशा याद रखेंगे। मोदी ने कहा कि भारती का देश की समृद्ध संस्कृति और महान संविधान से गहरा संबंध था। प्रधानमंत्री ने कहा, वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

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