शिवराज सिंह चौहान ने दिखाई सख्ती, बलात्कार पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने पर पुलिसकर्मी गिरफ्तार

भोपाल (एजेंसी) मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक दलित बलात्कार पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को शुक्रवार की रात को गिरफ्तार किया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस गंभीर चूक का संज्ञान लेने के बाद स्थानीय पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश शुक्रवार को दिए थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के आदेश पर दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिले से हटा दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि चार दिन पहले तीन लोगों ने 32 वर्षीय एक विवाहित दलित महिला से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। इसके बाद महिला ने शुक्रवार को अपने घर में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली थी। भोपाल में एक अधिकारी ने बताया कि नरसिंहपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर गाडरवारा तहसील में गोटितोरिया पुलिस चौकी के सहायक उप निरीक्षक मिश्रीलाल कोड़पे के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया था क्योंकि कोड़पे ने घटना के बाद पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं की थी।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश तिवारी और गाडरवारा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) एसआर यादव को नरसिंहपुर जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक भगवंत सिंह चौहान ने शनिवार को बताया कि कोड़पे के खिलाफ भादंवि की धारा 166 (सी) के तहत मामला दर्ज उसे शुक्रवार रात को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि एएसपी और एसडीओपी को नरसिंहपुर जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पीड़िता का पति पुलिस द्वारा बलात्कार की शिकायत दर्ज नहीं करने का आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहा था। इस वीडियो ऑडियो में पीड़िता का पति कथित तौर पर यह कहते भी सुनाई दे रहा था कि उसकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय, मामले में आरोपी की शिकायत पर उसे हिरासत में रखा गया और स्वयं की रिहाई के लिए उसे 50 हजार रुपये रिश्वत में खर्च करने पड़े।

नरसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया, ”सोमवार को पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले तीन आरोपियों की पहचान अरविंद चौधरी, परसू चौधरी और अनिल राय के तौर पर की गयी है। इसमें से अरविंद और परसू पीड़ित महिला के समुदाय से ही हैं।” पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने उस महिला के सोमवार को तब कथित तौर पर बलात्कार किया जब वह मवेशियों के लिये अपनी दो भतीजियों के साथ घास काटने के लिये खेत में गई थी।

हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि पीड़िता की दो भतीजियों का कहना है कि आरोपियों ने उसे पकड़ा और छेड़ा था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की कि उसके साथ बलात्कार हुआ है। दोनों लड़कियों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने घटना के वक्त चिल्लाना शुरू किया तो आरोपी वहां से भाग गए। जिले से स्थानांतरित कर दिये गये एसडीओपी यादव ने शुक्रवार को बताया था कि महिला और उसके पति ने उसी दिन मौखिक तौर पर पुलिस से शिकायत की थी लेकिन शिकायत स्पष्ट नहीं थी।

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को पीड़िता जब गांव में पानी लेने गई तो एक अन्य महिला लीलाबाई ने उसे कथित तौर पर ताना मारा। इसके बाद पीड़िता ने अपने घर जाकर फांसी लगा ली। पुलिस ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी अरविंद के पिता मोतीलाल और एक अन्य महिला लीलाबाई को पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में भादंवि की धारा 306 के तहत शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने पीड़िता का अपमान किया।

पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन आरोपियों अरविंद चौधरी, परसू चौधरी और अनिल राय के खिलाफ भादंवि की धारा 376-डी के तहत मामला दर्ज किया। इनमें से एक आरोपी अरविंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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