
राजस्थान गुर्जर आंदोलन : एक दर्जन से अधिक ट्रेनें डायवर्ट, यूपी आने वाली 220 बसें रोकीं गईं
आगरा(एजेंसी) आरक्षण के लिए आंदोलित गुर्जरों ने दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक को पूरी तरह ठप कर दिया है। राजस्थान, यूपी सीमा से गुजर रही पटरियों पर जमे आंदोलनकारियों ने फिश प्लेटें तक उखाड़ दीं। इसके चलते सोमवार को दर्जन भर से अधिक ट्रेनें डायवर्ट करनी पड़ीं। हजारों की आरक्षित टिकटें रद की गईं।
आंदोलन कर रहे गुर्जरों ने यूपी सीमा से सटे राजस्थान के भरतपुर के पास पीलूपुरा में पटरियों पर डेरा डाल रखा है। सोमवार को भी बयाना से ट्रेनों को आगरा कैंट होते हुए दिल्ली रवाना किया गया। मथुरा में करीब 40 हजार रुपये की आरक्षित टिकटें रद की गई हैं। आगरा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आशुतोष सिंह ने बताया कि सोमवार को सुबह से दोपहर तक एक दर्जन से अधिक अप/डाउन की ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि जबतक आंदोलनकारी ट्रैक से नहीं हटते हैं, तब तक वेस्टर्न रूट की ट्रेनों को आगरा से होकर गुजारा जाएगा।
यूपी आने वाली 220 बसें रोकीं
राजस्थान रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना से आगरा और आसपास के क्षेत्र में जाने वाली 220 बसों को रोक दिया गया। इस कारण सैकड़ों लोग जहां-तहां फंस गए।
आरक्षण के लिए आंदोलन
राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलन शुरू हो गया है। गुर्जरों ने फिर सरकार से 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग दोहराई है। कई सालों से राजस्थान में गुर्जर कर्नल बैंसला के नेतृत्व में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
इंटरनेट सेवा बंद
गुर्जर आंदोलन के चलते भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर और दौसा जैसे जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रखा गया है। इसके अलावा जयपुर प्रशासन ने 5 तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद रखने की अवधि बढ़ा दी है। अब सोमवार शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेंगी।
आंदोलनकारियों में है दो फाड़
एक नवंबर को होने वाले गुर्जर आंदोलन से पहले ही समाज में दो फाड़ हो गई है। दो अलग गुट बन गए थे। इनमें एक खेमा सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर सहमति बना चुका है। वहीं कर्नल किरोड़ी बैसला ने आह्वान पर आंदोलनकारियों ने रेल की पटरियों को जाम कर दिया है।
बैठक में नहीं पहुंचे थे बैंसला
गुर्जर नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को राज्य सरकार से बातचीत की थी। दोनों पक्षों में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। गुर्जर नेताओं ने कहा था कि बातचीत सकारात्मक रही। आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि बैठक में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला शामिल नहीं हुए थे।