
रिश्वत लेकर भी दर्ज कर दिया देशद्रोह का केस, ऐसा करने वाले 5 पुलिसवाले निलंबित
मध्य प्रदेश के शिवपुरी के करैरा थाने के एसआई, एएसआई और तीन आरक्षकों को शुक्रवार को एसपी राजेश सिंह चंदेल ने निलंबित कर दिया। यह निलंबन एसपी ने उन तीन लोगों की शिकायत पर किया जिनसे पुलिसकर्मियों ने रिश्वत भी ली और उसके बाद उन पर देशद्रोह का केस भी दर्ज कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार ललितपुर निवासी सुभाषचंद्र यादव व यशवंत सिंह ठाकुर और झांसी के नितेंद्र राय ने ऑडियो रिकार्डिंग के साथ लिखित शिकायत की थी कि वे 24 नवंबर की शाम कार से शिवपुरी की तरफ से वापस जा रहे थे। करैरा बाईपास पर एसआई आदित्य प्रताप सिंह, एएसआई नरेंद्र सिंह यादव, आरक्षक अमित यादव, अनिल यादव, देवेश तोमर और दो कथित पत्रकार मौजूद थे।
पुलिस ने दोनों वाहनों की चाबी छीन ली। एक पत्रकार ने जेब से 500 रुपए के पुराने नोटों की गड्डी निकाली और पुलिस वालों से कहा कि इनको लगा दो। इसके बाद थाने में देशद्रोह का केस लगाने की बात कहकर 2-2 लाख रुपए मांगे गए। 4 लाख रुपए लेने के बाद भी केस दर्ज कर लिया। सुभाषचंद्र यादव का कहना है कि वे 24 नवंबर की शाम 5 बजे करैरा बायपास कॉलेज चौराहे पर अपने साथी यशवंत सिंह ठाकुर के साथ अपनी स्कॉर्पियो से शिवपुरी की तरफ से वापस जा रहे थे।
चौराहे पर उक्त पुलिसकर्मियों के साथ दो कथित पत्रकार मौजूद थे। पुलिस ने चेकिंग के लिए कागज मांगे। दस्तावेज की फोटो कॉपी होने पर पुलिस वाले गाली गलौज करने लगे। यादव के अनुसार, पुलिस ने उनसे चाबी छीन ली। वहां मौजूद दो पत्रकार में से एक ने अपनी जेब से प्रचलन से बाहर हो चुके पुराने नोटों की गड्डी निकाली और पुलिस वालों को दी।
उसमें 500 रुपए के पुराने नोट (कुल 49 हजार रुपए) थे। इसके बाद पुलिस गाड़ियों के साथ हमें पकड़कर थाने ले आई। थाने में देशद्रोह का केस लगाने की बात कहकर 2-2 लाख रुपए मांगे। 4 लाख रुपए ले लेने के बाद भी केस दर्ज कर दिया। एसपी ने पांचों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
यशवंत के बहनोई से 2 लाख रुपए लिए, कॉल रिकार्डिंग में फंसे पुलिसकर्मी
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि करैरा पुलिस ने थाने में उनके मोबाइल फोन छीन लिए थे। यशवंत सिंह ने मोबाइल मांगा तो दो घंटे बाद उनका मोबाइल मिला। पुलिस ने दो-दो लाख रुपए रिश्वत मांगी तो यशवंत ने अपने बहनोई शैलेंद्र सिंह से फोन पर 2 लाख रुपए का इंतजाम करने की बात कही। पूरी घटना भी बताई। फिर आरक्षक अनिल यादव ने कहा कि करैरा थाने का एक सिपाही अमित यादव ड्यूटी समाप्त करके दतिया चला गया है। आप अपने रिश्तेदार शैलेंद्र से कहो कि दो लाख रुपए सिपाही अमित के पास पहुंचा दे।
अमित सिपाही का फोन जब तुम्हारे मोबाइल पर आ जाए कि मेरे पास दो लाख रु. आ गए हैं तो हल्की धारा लगाकर तुम्हे छुड़वा दूंगा। इस दौरान यशवंत और उनके रिश्तेदार शैलेंद्र की कई बार बात हुई। जब शैलेंद्र ने दो लाख रुपए का इंतजाम कर सिपाही अमित के दतिया निवास पर पहुंचा दिए तो अमित ने यशवंत के मोबाइल पर सिपाही सतीश यादव से बात करके बता दिया कि पैसा आ चुका है। इसी कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिसकर्मी फंस गए।
नितेंद्र के करैरा निवासी रिश्तेदार के माध्यम से थाने पर लिए रुपए
नितेंद्र राय ने अपने रिश्तेदार बालगोविंद शिवहरे निवासी शिवहरे मार्केट करैरा से दो लाख रुपए का इंतजाम करने के लिए कहा। बालगोविंद शिवहरे ने रुपए लाकर दिए। कुछ पैसे नितेंद्र राय के पास थे। कुल मिलाकर दो लाख रुपए नितेंद्र ने पुलिस को थाने पर दिए थे। इसके बावजूद भी पुलिस ने कहा कि पैसे तो ले ही लिए हैं, अगर इन पर मुकदमा दर्ज नहीं लिखोगे तो ये नेतागिरी करेंगे। इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इसके बाद करैरा कोर्ट के माध्यम से दोनों ने गाड़ी छुड़वाई।