टूट सकती है 94 साल पुरानी परंपरा

अनंत चतुर्दशी के अवसर पर इंदौर में निकलने वाली झांकियों की 94 साल पुरानी परंपरा शायद इस बार बार टूट जाए। इसका कारण कोरोना संकट है। जिला प्रशासन ने अनंत चुतर्दशी के अगले दिन होने वाले स्थानीय अवकाश को निरस्त कर दिया है। यानि यह तय हो गया है कि इस साल कोरोना संकट के चलते इस बार इंदौर में यह झांकी नहीं निकलेगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दो सितंबर को घोषित स्थानीय अवकाश को निरस्त कर दिया है। इसके अलावा यदि वीकेंड पर पर्यटन स्थल पर घूमते मिले तो सीधे जेल भेजा जाएगा।

पिछले साल 28 झांकियों का निकला था कारवां

बता दें कि इंदौर में प्रतिवर्ष झिलमिल झांकियों का कारवां रात 9 बजे से शुरू होता है जो अलसुबह तक अनवरत जारी रहता है। पिछले साल चल समारोह में 28 झांकियां शामिल हुई थीं, जिन्हें देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी थी। इनमें खजराना गणेश मंदिर, आईडीए, भंडारी मिल, इंदौर नगर निगम, कल्याण मिल, साईंनाथ सेवा समिति, कनकेश्वरी इन्फोटेक, नंदा नगर सहकारी समिति, स्पूतनिक ट्यूटोरियल एकेडमी, मालवा मिल, स्वदेशी मिल, राजकुमार मिल, हुकुमचंद मिल, जैन समाज सामाजिक संगठन, जय हरसिद्धि मां सेवा समिति, मुस्कान ग्रुप और श्री शास्त्री कॉर्नर नवयुवक मंडल की झांकी शामिल थी।

पर्यटन स्थल पूरी तरह से बंद, जाने पर होगी कार्रवाई

जिले के सभी पर्यटन स्थल रविवार के साथ ही अन्य दिनों के लिए भी पूरी तरह से बंद है। इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले ही प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं शनिवार व रविवार को दो दिन का वीकेंड देखते हुए लोगों के जाने की संभावना है, इसे देखते हुए कलेक्टर ने सभी को चेतावनी दी है 11 जुलाई को दिए गए आदेश के तहत पातालपानी, चोरल, सीतलामाता फाल, जानापाव, कालाकुण्ड, कजलीगढ़, यशवंत सागर तालाब, तिंछाफाल, मानपुर तालाब, सिरपुर तालाब, बिलावली तालाब, पिपलियापाला तालाब, बनेड़िया तालाब, गुलावट आदि पर्यटन स्थलों पर अगले आदेश तक पूरी तरह से प्रतिबंध है। प्रतिबंध के बावजूद कोई भी पर्यटन स्थल पर घूमने आएगा का तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा

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