
प्रधानमंत्री की फोटो लगा दे रहे नौकरी का झांसा, ट्रेनिंग देने की आड़ में लोगों से ऑनलाइन ठगी
झुंझुनूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग देने की आड़ में लोगों को ऑनलाइन ठगा जा रहा है। यह ट्रेनिंग पूरी तरह नि:शुल्क है और ट्रेनिंग पूरी होने पर सरकार कुछ प्रोत्साहन राशि भी देती है, लेकिन योजना के नाम पर जिले के कुछ युवाओं को ठगने का मामला सामने आया है।
प्रदेश से बाहर बैठे ठगों ने इन युवाओं से पांच से छह हजार रुपए ठगे हैं। रकम कम होने और ठगे जाने की बदनामी से बचने के लिए पीड़ित इसकी कहीं शिकायत भी नहीं कर रहे हैं। झुंझुनूं जिले में संचालित एक मात्र प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र के संचालकों के पास पिछले छह माह में ठगी के शिकार ऐसे दर्जन भर से ज्यादा लोग फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर लेकर पहुंच चुके हैं।
नि:शुल्क हैं पीएमकेके के प्रशिक्षण
झुंझुनूं में देरवाला रोड स्थित प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) के निदेशक सुनील कुमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में केवल जिला मुख्यालयों पर ही एक-एक केंद्र संचालित है। यहां दिए जाने वाले पांच तरह के प्रशिक्षण नि:शुल्क हैं तथा इसके लिए ट्रेनिंग किट भी मुफ्त दिया जाता है। सुनील कुमार ने कहा कि इस संबंध में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया हुआ है। कौशल केंद्र पूरे जिले में सिर्फ जिला मुख्यालय पर होता है और यहां रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग का कोई शुल्क नहीं लगता। युवाओं का कौशल बढ़ाने के लिए 40 से 60 दिन की पांच तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।
इस तरह हो रही है ठगी
ठगी के शिकार मान नगर निवासी कमलेश (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसने पीएमवाईके से संबंधित एक विज्ञापन देखा था। जिसमें घर बैठे काम करने के लिए नि:शुल्क लैपटॉप देने की बात कही गई थी। कमलेश ने उस नंबर पर कॉल किया, तो उससे कहा गया कि इसकी ट्रेनिंग करवाई जाएगी। जिसके रजिस्ट्रेशन के लिए 1200 रुपए देने होंगे। कमलेश ने रुपए उनके बताए बैंक खाते में जमा करवा दिए। इसके बाद उससे 4000 रुपए और मांगे गए, तो उसने यह राशि भी जमा करवा दी। तीसरी बार जब उससे कहा गया कि उसका तीन लाख रुपए का बीमा किया जाएगा, इसलिए वह 6 हजार रुपए भेजे, तब उसका माथा ठनका। कमलेश ने पता लगाया तो असलियत सामने आई।