
फर्जी वेबसाइट से पेट्रोल पंप दिलवाने का देते थे झांसा, 50 लोगों से ठगे करीब 1 करोड़ रुपए
ग्वालियर। फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने का धंधा जोरों पर है। कुछ ऐसे ही मामले में लोगों को झांसा देकर पैसे ठगने वाले गिरोह का खुलासा भिंड पुलिस ने किया है। इस मामले में आरोपी कम कीमत पर रिलायंस का पेट्रोल पंप दिलवाने के नाम पर लोगों को अच्छी-ख़ासी चपत लगा देते थे। आरोपी और फरियादी दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
कैसे हुआ ख़ुलासा?
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी रिषभ जैन ने रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड नाम से वेबसाइट देखी थी। इस पर उन्होंने कम कीमत में पेट्रोल पंप खोलने की बात लिखी देखी। जब रिषभ ने वेबसाइट पर दिए गए टोल फ्री नंबर पर कॉल की तो उनकी कुछ लोगों से बात हुई। इसके बाद, इसी काम के सिलसिले में तीन लोग रिषभ से मिले। इन ठगों ने पेट्रोल पंप को दिलवाने की प्रक्रिया के बहाने रिषभ से 5 लाख रुपए कई खातों में जमा करवा लिए। कुछ दिन बीत जाने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो व्यापारी ने इन्हें फोन किया तो उन्हें कहा गया कि टेंडर उठने से पहले आपको 15 लाख रुपए जमा कराने होंगे।
इस बात पर व्यापारी रिषभ को संदेह हुआ। इसके बाद ठगों ने पम्प का टेंडर उठने से पहले व्यापारी को टेंडर का सर्टिफिकेट देने की बात कहकर उसे भिंड मिलने के लिए बुलाया। रिषभ ने संदेह होने के चलते यहां के एसपी मनोज कुमार सिंह को पहले ही सूचना दे दी थी। ठग जैसे ही गाड़ी में सवार होकर पहुंचे, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इन तीन ठगों में एक महिला भी शामिल है। उनके पास से 22 लाख रुपए बरामद किये गए हैं।
पुलिस ने बताया कि यह सभी आरोपी साइबर गिरोह के रूप में काम कर रहे थे। आरोपी आसिफ खान पुत्र नासिर खान निवासी झांसी, आकाश सिंह पुत्र पूरन सिंह निवासी महोबा, नेहा सिंह पत्नी आकाश सिंह निवासी महोबा हैं। इनके सभी के पास से पास 3.7 लाख रुपए नकद, 8 एटीएम कार्ड, 9 मोबाइल व दर्जनों सिम कार्ड मिले हैं।
पुलिस ने कहा है कि गिरोह के सभी सदस्यों ने यह कबूल किया है कि वे बीते एक साल में इसी वेबसाइट के माध्यम से देश के करीब 20 से अधिक शहरों के युवा व्यापारियों को पेट्रोल पंप का सपना दिखाकर उनसे करीब एक करोड़ रुपए से अधिक ठग चुके हैं। हालांकि पुलिस अभी भी इनसे पूछताछ कर रही है।