चमोली ग्लेशियर आपदा पर साफ हुई तस्वीर, इस कारण तबाही मचने से गई लोगों की जान

देहरादून। चमोली जिले में तबाही ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में हुए हिमस्खलन की वजह से मची। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट डाटा के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र में हाल में गिरी बर्फ एक चोटी के हिस्से के साथ खिसक गई जिसने बड़े हिस्खलन का रूप ले लिया। इस वजह से लाखों मीट्रिक टन बर्फ और पहाड़ी का हिस्सा भरभराकर नीचे गिर गया जिसने ऋषिगंगा में बाढ़ की हालत पैदा कर दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि ऋषिगंगा में आई बाढ़ हिमस्खलन की वजह से आई थी। उन्होंने कहा इसरो के निदेशक ने सेटेलाइज इमेज के आधार पर जानकारी दी है कि ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में रविवार को ग्लेशियर नहीं टूटा। बल्कि हाल में हुई बर्फबारी में जमी कच्ची बर्फ एक पहाड़ी की चोटी के साथ खिसक गई। जिस स्थान पर हिमस्खलन हुआ वहां ग्लेशियर नहीं था।
चिंता की बात है कि बता दें कि हादसे से अभीतक 18 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 202 लोग अभी भी लापता हैं। डेढ़ दिन बाद भी सुरंग में 30 से 35 श्रमिकों के फंसे हैं। सेना,आईटीबीपी,एनडीआरएफ,एसडीआरएफ के जवान राहत व बचाव कार्य को करने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन, सुरंग में गाद की वजह से से उन्हें कठिनायािें का सामना करना पड़ रहा है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो बहादुर जवानों द्वारा रात को भी राहत व बचाव कार्य को अंजाम दिया जाएगा।

अधिकारियों के साथ बचाव कार्यों एवं आपदा की समीक्षा की।मैंने गढ़वाल कमिश्नर एवं DIG गढ़वाल को भी जोशीमठ भेजा है।

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