दिल्ली से शिमला लौटी शगुफ्ता खान तो पति दरवाजे पर ही बोला ‘तलाक-तलाक-तलाक’, दर्ज हुआ हिमाचल का ‘पहला’ मामला

शिमला। हिमाचल प्रदेश में ट्रिपल तलाक के तहत पहला मामला दर्ज हुआ है। शनिवार को राज्य की राजधानी शिमला में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 49 वर्षीय महिला को उसके पति ने शादी के 24 साल बाद 12 जनवरी को तलाक दे दिया। इसके बाद पीड़िता शगुफ्ता खान पुलिस के पास जा पहुंची और अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर मामला दर्ज करा दिया।

पीड़िता के अनुसार, 12 जनवरी को दिल्ली से शिमला के भरारी स्थित अपने निवास स्थान पर लौटी। उसके पति अयूब खान ने घर दरवाजे पर ‘तलाक-तलाक-तलाक’ के माध्यम से उसे तलाक दे दिया और तलाकनामा की एक प्रति सौंप दी। मेहर के रकम भी लौटा दिए।

महिला के पति ने उसे तलाक देने के बाद अपने घर से बाहर निकाल दिया और दूसरी महिला से दोबारा शादी कर ली। कोई जगह नहीं होने के कारण, पीड़ित को एक मस्जिद में शरण लेनी पड़ी। पीड़िता ने कहा कि उसका पति उच्च न्यायालय में एक वकील है और लंबे समय से उसे परेशान कर रहा है।

शगुफ्ता ने कहा, “मेरे सभी बच्चे उसका पक्ष ले रहे हैं क्योंकि वे उससे डरते हैं। मेरे पास कुछ नहीं बचा है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि वे अपने पिता का समर्थन करेंगे। कोई भी मेरे समर्थन में नहीं आया। मेरे पति ने मुझसे सब कुछ छीन लिया।”

महिला ने अपने पति पर दो बार पिटाई करने और उसे दवाओं से वंचित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मधुमेह की बीमारी से पीड़ित है। उसने आगे आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने उसे गलत दवाएं दीं जिससे वह अवसाद में चली गई।

पुलिस ने मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज कराया है। शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश में उपर्युक्त कानून के तहत पंजीकृत पहला ट्रिपल तालक मामला है।

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