
बसपा विधायक की पति की गिरफ्तारी को लेकर जज और MP पुलिस आमने-सामने, मर्डर का है आरोप
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक जज ने अपने सिनियर जज के एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पुलिस से धमकी मिलने का आरोप लगाया है। यह मामला एक बसपा विधायक की गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। इससे एक दिन पहले पुलिस अधिकारी ने एमपी के डीजीपी और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
दमोह के अतिरिक्त जिला जज आरपी सोनकर कांग्रेस नेता की हत्या से जुड़े केस की सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि एमपी पुलिस बसपा विधायक रमाबाई के पति गोविंद सिंह की मदद कर रही थी और आठ फरवरी का पेश किए गए ऑर्डर शीट में उनकी छवि को धूमिल कर रही है।
एडीजे ने सत्र न्यायधीश को यह चिट्ठी महिला पुलिस अधिकारी की शिकायत के दो दिन बाद लिखी है। महिला पुलिस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि एडीजे ने अदालत में चार घंटे के लिए उनका अपमान किया है।
चार अन्य लोगों के साथ गोविंद सिंह 10 जनवरी, 2021 पर मार्च 2019 को कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या केस में आरोपी थे। 2019 में पुलिस जांच के दौरान गोविंद सिंह पर से आपराधिक आरोप हटा लिए गए। हाटा कोर्ट के एडीजे के आदेश पर 10 जनवरी 2021 को उन्हें एकबार फिर इस केस में आरोपी बनाया गया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी करने का आदेश दिया। आपको बता दें कि विधायक का पति गोविंद सिंह फिलहाल फरार है।
एडीजे आरपी सोनकर ने ऑर्डर शीट में लिखा है, “अपने अधीनस्थों के साथ पुलिस अधीक्षक मेरी छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि आरोपी और अपने अधीनस्थों के साथ दमोह के एसपी मेरे खिलाफ झूठी और गंभीर आरोप लगा सकते हैं। मुझे इसमें कोई अनहोनी घटना का डर हो रहा है।”
उन्होंने किसी अन्य न्यायाधीश को मामले की सुनवाई के लिए केस हस्तांतरण करने के लिए सत्र न्यायाधीश से अनुरोध किया है। आदेश में सोनकर उल्लेख किया है कि एसडीओपी भावना दांगी के उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रही थी। आपको बता दें कि भावना दांडी ने 6 फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि मामले की सुनवाई के दौरान सोनकर के द्वारा उन्हें परेशान किया गया था।
शिकायत में दांगी ने कहा, “सुनवाई के दौरान एडीजे सोनकर ने अदालत में चार घंटा खड़ा रहने के लिए कहा। उन्होंने सुनवाई के दौरान डांटा। अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गया। मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया गया और मैं नौकरी करना नहीं चाहती हूं।”
बार-बार प्रयास के बावजूद एडीजे आरपी सोनकर, SDOP भावना दांगी और दमोह एसपी हेमंत चौहान से संपर्क नहीं हो सका। बसपा विधायक रमाबाई सिंह ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।