एक घंटा देरी से प्रस्थान करने वाली रेलगाड़ियों की सूचना एसएमएस से मिलेगी

नई दिल्ली, 25 दिसम्बर (एजेंसी)। कोहरे के कारण एक घंटे से अधिक देरी से प्रस्थान करने वाली रेलगाड़ियों की सूचना यात्रियों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मीडिया को उत्तर रेलवे द्वारा किए गए कोहरे के इंतजामों की तैयारियों से अवगत कराने के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गत वर्षों के दौरान कोहरे के मौसम में आई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे द्वारा रेल परिचालन की योजना तैयार की गई है ।

कोहरे का रेल परिचालन पर पड़ता है गहरा

सर्दी के मौसम में उत्तर भारत में कोहरे का छाना आम बात है लेकिन हाल के वर्षों में देश के पूर्वी और पश्चिमी भागों में भी कोहरे की अवधि और स्थितियों में काफी बदलाव देखने में आया है । इसके कारण अनेक तरह की चुनौतीपूर्ण स्थितियां सामने आती हैं। धुंध के मौसम में सामान्य जन-जीवन भी प्रभावित होता है। इसका रेल परिचालन प्रणाली पर भी गहरा असर पड़ता है। कम दृश्यता के चलते रेलगाड़ियों का परिचालन भी प्रभावित होता है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए कोहरा प्रभावित क्षेत्रों में रेलगाड़ियों की गति सीमा पर प्रतिबंध लगाने जैसे अनेक उपाय किये जाते हैं। कोहरे के चलते रेलगाड़ियां अपने गंतव्य पर विलम्ब से पहुंचती हैं और अधिक विलम्ब से चलने वाली रेलगाड़ियों की वापसी यात्रा को प्राय: परिवर्तित समय से चलाया जाता है अथवा निरस्त कर दिया जाता है ।

महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि एक घंटे से अधिक विलम्ब से प्रस्थान करने वाली रेलगाड़ियों की सूचना यात्रियों को एसएमएस के माध्यम से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर दी जाएगी। सामान्य कार्य अवधि के बाद भी देर तक प्लेटफार्मों पर खान-पान स्टॉलों को खोलने का प्रावधान किया गया है। भीड़-भाड़ प्रबंधन और सुरक्षा मामलों से निपटने के लिए स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी ।

गंगल ने बताया कि सर्दियों के मौसम में रेल लाइनों पर गश्त बढ़ाकर सतत् निगरानी की व्यवस्था की गई है । रेल पथ पर गश्त लगाने वाले कर्मचारियों को जीपीएस आधारित हैंड-हैल्ड उपकरण प्रदान किए गए हैं ताकि किसी भी आकस्मिक घटना की सूचना वे दोनों ओर के निकटवर्ती स्टेशनों तक तुरंत पहुंच सकें। सभी इंजनों में फॉग-सेफ्टी डिवाइस का प्रावधान किया गया है। दृश्यता कम होने की स्थिति में ड्राइवर आने वाले सिग्नल की ऑडियो-विजुअल सूचना प्राप्त कर सकता है। जीपीएस नेटवर्क से जुडी सभी मॉडिफाइड स्वचालित सिग्नल इकाइयों की सिग्नल प्रणाली का अपग्रेडेशन और साइटिंग बोर्डों, लेवल क्रासिंग बोर्डों, फॉग सिग्नल चौकियों इत्यादि को चमकदार पेंट से बेहतर बनाया जाता है । रेल पटरियों के साथ लाइम मार्किंग की गई है। इससे कोहरे के दौरान दृश्यता कम होने पर आने वाले सिगनलों और बोर्डों की जानकारी मिलती है ।

चालक दल को आराम करने का पर्याप्त समय मिलेगा

उन्होंने बताया कि कोहरे के अवधि के दौरान इंजनों, ड्राइवरों, लिंक रैकों की योजना बनाना एवं उनकी समीक्षा करना ताकि चालक दल को आराम करने का पर्याप्त समय मिल सके । साथ ही चल स्टॉक की साफ-सफाई और अनुरक्षण ठीक प्रकार से किया जा सके। ताकि रेलगाड़ी की अगली सेवा बिना विलम्ब के चलाना सम्भव हो सके। स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोहरे की स्थिति को जांचने के लिए स्टेशन मास्टरों द्वारा विजिबिलिटी टेस्ट किए जाते हैं। कम दृश्यता संबंधी मामलों से निपटने के लिए लोको पायलटों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। वह रेल पथों पर परिस्थिति के अनुसार रेलगाड़ी की गति सीमा को अपने विवेक और सूझ-बूझ के साथ नियंत्रित करेगा ।

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