
बाटला हाउस एनकाउंटर: आतंकी आरिज को फांसी की सजा पर परिवार में छाई खामोशी, गांव में पसरा सन्नाटा
आजमगढ़, 15 मार्च 2021 बाटला एनकाउंटर मामले में आरिज खान उर्फ जुनैद को फांसी की सजा मिलने के बाद आजमगढ़ में उसके परिजनों ने चुप्पी साध ली। वहीं आरिज सहित अन्य युवकों को निर्दोष बताने वाले संरक्षक मंडल के लोग भी फैसले के बाद भूमिगत हो गए हैं। आरिज के गांव में भी पूरी तरह सन्नाटा है।
2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दोषी आतंकी आरिज खान निवासी नसीरपुर गांव, बिलरियागंज, आजमगढ़ को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद नसीरपुर गांव में सन्नाटा पसर गया। हालांकि गांव वालों से फैसले की जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई है। उधर, सोमवार शाम को आरिज के जालंधरी मुहल्ला में रहने वाले परिजनों ने भी चुप्पी साध ली। वहीं बिलरियागंज में डिस्पेंसरी चलाने वाले आरिज के चाचा डा. जफरे आलम भी कुछ बोलने से इंकार कर दिए।
पिता की हो गई है मौत
आरिज खान उर्फ जुनैद बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव का निवासी है। वह तीन भाई है। आरिज के पिता की मौत हो चुकी है। जबकि उसकी मां तबस्सुम अभी जीवित हैं, लेकिन वह पैतृक गांव के बजाय शहर के जालंधरी मुहल्ले में रहती हैं। जबकि अन्य दोनों भाई अलग-अलग रहते हैं।
2018 में हुई थी गिरफ्तारी
आरिज मुजफ्फरपुर से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान ही इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्यों के संपर्क में आकर रास्ते से भटक गया और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया। बाटला एनकाउंटर के बाद से आरिज फरार चल रहा था। उसे फरवरी 2018 में एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया।