मरने के बाद भी 5 लोगों को जिंदगी दे गया सेवाराम,

जयपुर। आपने अक्सर सुना होगा कि लोग कहते हैं कि नाम में क्या रखा है? लेकिन धौलपुर जिले में रहने वाले 17 साल के किशोर सेवाराम ने अपने नाम के मुताबिक काम कर दिखाया। हालांकि, वह अब इस दुनिया में नहीं है पर मरने के बाद भी 5 लोगों को नई जिंदगी दे गया। डॉक्टरों के मुताबिक, एक बाइक हादसे में सेवाराम का ब्रेन डेड हो गया था। जिसके बाद उसके परिजनों ने अंगदान करने का फैसला किया और सेवाराम की दोनों किडनियां व हार्ट को सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल जयपुर में व लंग्स को किम्स हॉस्पिटल, हैदराबाद भेज दिया गया।

जयपुर के स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन, के डॉक्टरों ने बताया कि बीते 22 फरवरी को सेवाराम अपने चाचा के लड़के के साथ रात में दुकान बंद करके बाइक से घर लौट रहा था। तभी सामने से आ रही गाड़ी की रोशनी के कारण उसकी आँखों पर एक समय के धुंधलापन छा गया, जिसके चलते उसका नियंत्रण बाइक पर से हट गया और वह गिर पड़ा हेलमेट न पहने होने की वजह से सेवाराम के सिर में गहरी चोट लग गई। पहले तो उसे ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ी तो परिजनों ने उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ले आये, जहां उसे 27 फरवरी को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया।

इसके बाद डॉक्टरों के आग्रह पर सेवाराम के परिजन अंगदान को तैयार हो गए। जिसके बाद सेवाराम की दोनों किडनियां और ह्रदय को सवाई मानसिंह अस्पताल में ही मरीजों को लगाईं गई। इसके लिए रात में डॉक्टरों की विशेष टीम ने रात में इन अंगों का सफल ट्रांसप्लांट किया। जबकि लीवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर के सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी भिजवाया और लंग्स को विशेष विमान से हैदराबाद के किम्स अस्पताल भिजवाया गया।

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