मोदी की तरह ममता का कैश ट्रांसफर पर जोर, हर परिवार को पैसा, स्टूडेंट्स को क्रेडिट कार्ड का वादा

कोलकाता, 17 मार्च 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का मेनिफेस्टो जारी कर दिया। इसमें किसानों, स्टूडेंट्स, जनरल-एससी/एसटी कैटगरी वाले लोगों समेत अन्य लोगों के लिए कई ऐलान किए गए हैं। मेनिफेस्टो को देखें तो लगता है कि ममता बनर्जी ने भी कहीं न कहीं कई ऐसे वादे किए हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की योजनाओं में चला रहे हैं। इसमें गरीब, किसानों आदि को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी योजनाएं हैं, जिसे ममता बंगाल के लोगों के लिए भी लेकर आई हैं। मोदी सरकार ने कैश असिस्टेंस स्कीम किसानों के लिए साल 2019 में तब घोषित की थी, जब लोकसभा चुनाव होने में कुछ महीने बाकी थे। इस स्कीम की बदौलत केंद्र सरकार सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी थी, जोकि सही साबित भी हुई। इसी कदम पर बढ़ते हुए ममता ने भी टीएमसी को वापस तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए वादे किए हैं।

हालांकि, ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई स्कीम्स की घोषणाओं के समय में कुछ अंतर जरूर है। जहां पीएम मोदी ने फरवरी 2019 में पीएम किसान योजना का ऐलान था, जोकि चुनाव आयोग द्वारा मार्च में किए गए चुनाव की तारीखों के ऐलान से एक महीने पहले था, तो वहीं, ममता बनर्जी ने किसानों के लिए किया गया वादा पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले है। यह वादा टीएमसी ने अपने मेनिफेस्टो में किया है। यहां हम आपको उन वादों के बारे में बता रहे हैं, जो कैश से जुड़े हुए हैं और ममता ने बंगाल की जनता से किए हैं…

ममता ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से जुड़े किए ये वादे
ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि यदि राज्य में फिर से टीएमसी की सरकार आती है तो फिर पहली बार, बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय प्राप्त होगी। इसके तहत, 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना मिलेगा। यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा, टीएमसी स्टूडेंट्स की हायर स्टडीज के लिए दस लाख रुपये की क्रेडिट सीमा के साथ नई कार्ड योजना भी लेकर आएगी। इसमें सिर्फ चार फीसदी का ब्याज देना होगा। ममता ने विधवा और दिव्यांग लोगों के लिए पेंशन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सत्ता में वापसी पर मई 2021 से राज्य सरकार एक हजार रुपये प्रति महीने देगी।

किसानों के लिए ममता बनर्जी ने किया यह वादा
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेनिफेस्टो में जितने भी अहम वादे किए हैं, उनमें से किसानों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किए जाने का वादा सबसे अहम है। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच में ममता का किया गया यह वादा कुछ पीएम किसान योजना की ही तरह है। ममता ने कहा है कि उनकी सरकार बनने पर जिन किसानों के पास 720 स्क्वायर फीट से कम खेतिहर जमीन है, उन्हें हर साल दस हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। अभी राज्य सरकार छह हजार रुपये सालाना देती है। इस हिसाब से इस स्कीम में चार हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। बता दें कि अभी मोदी सरकार भी किसानों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करती है, जिसका नाम पीएम किसान योजना है। इसके तहत लाभार्थी किसान परिवारों को हर साल छह हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार किसानों को क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देती है। जिसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए से डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज ले सकते हैं।

अन्य दल भी करते रहे हैं ऐसे चुनावी वादे
टीएमसी इकलौती ऐसी पार्टी नहीं है, जिसने ऐसे वादे किए हों। दक्षिण भारत में इस तरह के वादे काफी प्रसिद्ध भी हैं। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके ने छह फ्री एलपीजी गैस सिलेंडर सालाना, फ्री सोलर स्टोव, फ्री मच्छरदानी, फ्री केबिल टीवी कनेक्शन और डोरस्टेप राशन डिलिवरी जैसे वादे कर चुकी है। डोरस्टेप राशन डिलिवरी का वादा ममता बनर्जी ने भी किया है। वहीं, डीएमके ने भी पेट्रोल की कीमत पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत चार रुपये प्रति लीटर घटाने का वादा किया है। वहीं, कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में न्याय योजना के तहत हर गरीब परिवार को हर साल 72 हजार रुपये देने का वादा किया था। हालांकि, कांग्रेस को इसका कोई लाभ नहीं मिल सका और चुनावी नतीजों में फिर से बुरी तरह हार मिली।

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