सरकार ने 2 दिन में फैसला नहीं लिया तो 30 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल

हिन्दी समाचार। वेतनवृद्धि (इंक्रीमेंट) को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के फैसले के बावजूद MP के कर्मचारी 30 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना रहे हैं। इससे पहले 29 जुलाई को वे प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में लॉकडाउन करेंगे। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार 2 दिन के भीतर डीए और प्रमोशन पर भी फैसला ले लें। मांग पूरी नहीं होती है तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।

मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को ही MP के 6.70 लाख सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को दो इंक्रीमेंट देने का फैसला लिया है, लेकिन कर्मचारी अब डीए और प्रमोशन के मुद‌्दे पर अड़ गए हैं। मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनरतले वे 29 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोर्चा की इक्रीमेंट, डीए व प्रमोशन की मांग थी। जिसमें से इक्रीमेंट की मांग पूरी हो गई है, लेकिन डीए और प्रमोशन को लेकर सरकार ने फैसला नहीं लिया है। इस कारण आंदोलन यथावत रखा है। 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेने से दफ्तरों में लॉकडाउन रहेगा, जबकि 30 जुलाई से हड़ताल शुरू कर देंगे।

एक मांग पूरी

  • कर्मचारियों ने सरकार से मांग की थी कि 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतनवृद्धि का लाभ तत्काल दिया जाए। इस मांग को सरकार ने मान लिया है। इससे प्रदेश के 6 लाख 40 हजार कर्मचारियों और 30 हजार प्रथम व द्वितीय श्रेणी अफसरों को दो इक्रीमेंट एक साथ इसी महीने मिल जाएगा।
  • दो मांगें अधूरी
    • 5% महंगाई भत्ता जो सरकार ने स्थगित कर दिया है, उसका भुगतान कर्मचारियों को किया जाए।
    • अधिकारी-कर्मचारियों को जल्द प्रमोशन दिया जाए।
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