
कभी मोटापा बना था सिरदर्द, अब ओलंपिक गोल्ड जीतकर नीरज चोपड़ा ने पेश की फिटनेस की मिसाल
हिन्दी समाचार, नई दिल्ली। टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में शनिवार का दिन भारत के लिए बेहद खास साबित हुआ, क्योंकि आज भारत को गोल्ड सहित कुल दो मेडल हासिल हुए। स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में शनिवार को भाला फेंक का गोल्ड मेडल अपने नाम करके भारत को ओलंपिक की ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं में अब तक का पहला पदक दिलाकर नया इतिहास रचा। हरियाणा के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 साल के नीरज के लिए एक समय पर उनका भारी वजन और मोटा पेट सिरदर्द हुआ करता था। लेकिन नीरज ने अपनी कड़ी मेहनत और जुनून के दम पर अपने शरीर को इस कदर फिट बनाया कि आज लोग इस ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट की फिटनेस की मिसाल देते नहीं थक रहे हैं।
आपको बता दें कि एक दौर ऐसा भी था, जब उनका वजन काफी ज्यादा होता था। 11-12 साल की उम्र में नीरज चोपड़ा का वजन 80 किलोग्राम हुआ करता था। लोग तो उनका मजाक भी उड़ाते थे। हरियाणा के होने की वजह से उन्हें बचपन से दूध-दही खाने का शौक था। इसकी वजह से उनका वजन जल्दी बढ़ गया था। वजन बढ़ता देख उनके परिवार वालों ने उन्हें मैदान में भेजा। इसकी शुरुआत पानीपत के शिवाजी स्टेडियम से हुई और यहां से बाद में उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होंने अपनी फिटनेस पर जमकर काम किया और ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतकर नया इतिहास रच दिया।
इसी के साथ नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था। भारत का यह वर्तमान ओलंपिक खेलों में सातवां पदक है जो कि एक रिकॉर्ड है। इससे पहले भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे। नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।