
एमपी में भी अब दंगाइयों से नुकसान की वसूली का कानून बना
हिन्दी समाचार। 23/12/2021
भोपाल (एजेंसी) उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद मध्य प्रदेश में भी बंद, हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या सांप्रदायिक दंगों में सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से अब वसूली हो सकेगी। विधानसभा में गुरुवार को विपक्ष की गैरमौजूदगी में सत्ता पक्ष ने मात्र नौ मिनिट में जिन पांच विधेयकों को पारित किया, उनमें यह मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक भी था।
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण को लेकर मचे राजनीतिक घमासान का प्रभाव विधानसभा की कार्यवाही पर भी दिखाई दिया। इससे संबंधित संकल्प पर नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ को बोलने का मौका नहीं दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया और जब इसके बाद भी अवसर नहीं मिला तो बहिगर्मन कर दिया। यह अवसर था जब सदन में सत्ता पक्ष ने पांच विधेयकों को पारित करा लिया। इनमें से मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक और मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी थे जिन्हें बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया।
वसूली कानून से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
– 2009 में सुप्रीमकोर्ट ने एक फैसले में आंदोलनकारियों व आयोजकों से नुकसान की वसूली का आदेश दिया था।
– 2018 में सुप्रीमकोर्ट ने डेमेज ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी 1984 में संशोधन के लिए राज्य सरकारों को लिखा था।
– सुप्रीमकोर्ट के आदेश के पालन में 2020 में उत्तरप्रदेश और 2021 हरियाणा में कानून बनाया गया।
– आंदोलनकारियों व प्रदर्शनकारियों से वसूली के लिए दावा अधिकरण का गठन होगा।
– दावा अधिकरण में नियुक्ति सेवानिवृत्त जिला जज और सेवानिवृत्त सचिव स्तर के अधिकारी की जा सकती है।
– नुकसान की वसूली के लिए 30 दिन के भीतर आवेदन जरूरी होगा। सरकारी संपत्ति के लिए जिला मजिस्ट्रेट या कार्यालय प्रमुख और निजी संपत्ति के लिए मालिक, किरायेदार, कब्जेदार या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता आवेदन कर सकता है।
– अधिकरण क्लेम कमिश्नर नियुक्त कर सकेगा। अधिकरण मूल नुकसान से दो गुना राशि तक अवार्ड पारित कर सकता है।
– अधिकरण को नुकसान में आवेदन होने के तीन महीने के भीतर करना होगा।
– अधिकरण को सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां दी गई हैं।
– अधिकरण के पारित अवार्ड पर अपील केवल हाईकोर्ट में 90 दिन की अवधि के भीतर की जा सकेगी।
– अधिकरण में नुकसान वसूली का मामला पुलिस में दर्ज अपराध बाधक नहीं होगा।