मुनाफाखोरी चरम पर: आधे हो गए सब्जियों के थोक रेट, फुटकर में नहीं मिली राहत

भोपाल। बाजारों में सब्जियों की आवक बढ़ने के बाद भी दामों में कमी देखने को नहीं मिल रही है कारण है मुनाफाखोरी। आलम यह है कि सब्जियों के थोक रेट तो आधे हो गए लेकिन ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। हर साल नवंबर में सब्जियों की आवक बढ़ने से दाम कम हो जाते थे लेकिन इस बार हालात अलग हैं। आवक तो भरपूर हो रही है लेकिन दाम कम नहीं हो रहे। जानकार इसका कारण मुनाफाखोरी बता रहे है।

टमाटर, फूलगोभी और पत्ता गोभी समेत सभी हरी सब्जियां बाजार में 30-45 रुपए प्रति किलो बिक रहीं हैं। इनके साथ प्याज और आलू के दाम अब भी तेज बने हुए हैं। अधिकतर सब्जियों के दाम थोक बाजार में कम हो रहे हैं लेकिन लोगों को फुटकर मंडियों और ठेलों में सब्जियां महंगी ही मिल रहीं हैं। कई सब्जियां नीलाम भाव से दोगुने और तिगुने दामों पर मिल रहीं हैं। बुधवार को करोंद मंडी में गिलकी महज 12 रुपए किलो नीलाम हुई लेकिन फुटकर बाजार में इसके दाम 40 रुपए हैं। मुलताई से आकर 10 रुपए किलो नीलाम हो रही पत्तागोभी भी 30 रुपए बिक रही है।

जानकार कहते हैं कि आलू प्याज के दाम कम न होने के कारण छोटे दुकानदार दूसरी सब्जियां भी ऊंचे दामों पर ही बेच रहे हैं। बाजार में एक माह पहले की स्थिति से तुलना करें तो हरी सब्जियों के दाम ठेलों पर ज्यादा कम नहीं हुए। हालांकि थोक बाजार में इनके दाम 50% रह गए हैं। आलू और प्याज के दामों में ही इतनी कमी नहीं आई। थोक सब्जी विक्रेता कहते हैं कि थोक में सब्जियों के दाम तेजी से कम हुए हैं लेकिन फुटकर में यह असर नहीं देखा जा रहा है।

इंदौर से भोपाल में आलू-टमाटर सस्ते
भोपाल जिला प्रशासन ने आलू, प्याज और टमाटर के रेट जारी किए हैं। इसके अनुसार टमाटर 35 रुपए, आलू और प्याज 40 रुपए किलो बिक रहे हैं, जबकि इंदौर में टमाटर 38 रुपए और आलू 42 रुपए किलो मिल रहा है।

कब तक घटेंगे दाम
अब दिसंबर के पहले हफ्ते से दाम कम हो सकते हैं। नई प्याज की आवक शुरू हो चुकी है। आलू भी पंजाब और हरियाणा के साथ छिंदवाड़ा से आने लगा है। आगाम 10-15 दिनों में दूसरे शहरों से भी आवक बढ़ सकती है।

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

पश्चिम बंगाल मे किस दल की सरकार बनेगी ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
.
Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275
.
Close