
स्कूल फीस भरने की अनिवार्यता लागू, नहीं तो अगली कक्षा में प्रमोट होना होगा मुश्किल
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना काल में स्कूल फीस न भरने वाले छात्र-छात्राओं का अगली कक्षा में प्रमोशन मुश्किल हो जाएगा। इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। मप्र लोक शिक्षण संचालनालय ने कोरोना काल में स्कूल फीस जमा करने की अनिवार्यता लागू कर दी है। संचालनालय ने साफ किया है कि जो भी विद्यार्थी शिक्षण शुल्क अदा नहीं करते हैं उन्हें आगामी कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाए।
उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग केके द्विवेदी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि निजी स्कूल आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। स्कूल में काम करने वाले कर्मचारी, शिक्षकों को वेतन भुगतान करना मुश्किल हो रहा है।
कोरोना काल में शासन ने सिर्फ शिक्षण शुल्क भरने की छूट दी हुई है। स्कूल इसके अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं वसूल सकते हैं। स्कूलों का आरोप है कि ज्यादातर बच्चों के अभिभावक शिक्षण शुल्क का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वेतन भुगतान मुश्किल हो रहा है। शासन के आदेश में साफ है कि जिस विद्यार्थी का शिक्षण शुल्क नहीं जमा होगा उसे आगामी शैक्षणिक सत्र में प्रमोट नहीं किया जाएगा। ये आदेश सभी कक्षाओं के लिए लागू होगा।
जिनकी कक्षाएं लग रही है उन्हें विभाग ने पूरा शुल्क जमा करने को कहा है। 15 दिसंबर से बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर कक्षा 9वीं से 12वीं तक की नियमित कक्षाएं प्रारंभ की है। ऐसे में स्कूल भी नियमित खुल रहे है वे स्कूल संचालक की अन्य गतिविधियां भी कर रहे हैं।
विभाग ने साफ किया है कि ऐसे स्कूलों को शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त फीस लेने की छूट है वे जनवरी 2021 से संत्रात तक की अवधि तक फीस ले सकते हैं।
देना होगा वेतन
निजी स्कूलों ने स्टाफ के वेतन का हवाला देकर ही फीस वसूली के लिए राहत का आदेश हासिल किया है। ऐसे में शासन ने साफ किया है कि स्कूल के सभी कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान किया जाएगा। जरूरी हो तो वेतन कटौती हो सकती है लेकिन वो 20 फीसद से ज्यादा न हो। काटा गया वेतन भी कोविड-19 की स्थिति सुधार होने पर कर्मचारियों को किश्तों में वापस लौटाया जाए।