कृषि कानूनों के विरोध में कल किसान कहां-कहां और कब करेंगे चक्का जाम, जानें पूरा प्रोग्राम

दिल्ली। दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर केंद्र द्वारा पास किए गए तीन कृषि कनूनों के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार जारी है। इस बीच विरोध प्रदर्शन को और व्यापक करते हुए किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के लिए देशव्यापी ‘चक्का जाम’ का आह्वान किया है। जिसको कई लोगों का समर्थन भी मिला है। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने भी किसानों के इस चक्का जाम का समर्थन किया है।

आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस को किए गए ट्रैक्टर मार्च के बाद यह किसानों की ओर से किया जाने वाला पहला बड़ा इवेंट है। हालांकि दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस के साथ किसानों की झड़प देखने को भी मिली थी, लेकिन किसान संगठनों ने वादा किया है कि शनिवार को होने वाला चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। इसके मद्देनजर दिल्ली के बाहर दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हालांकि यह देशव्यापी प्रदर्शन दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में नहीं होगा।

क्या है ‘चक्का जाम’ का पूरा प्रोग्राम और उसकी बड़ी बातें

-यह चक्काजाम 12 बजे दोपहर से 3 बजे तक चलेगा।

-इस दौरान राष्ट्रीय और राज्य के हाइवे को जाम किया जाएगा, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह चक्का जाम को देशव्यापी होगा। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार यह चक्का जाम दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में नहीं किया जाएगा।

-इस दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को कहीं भी नहीं रोका जाएगा।

-लेकिन अगर आप 12 और 3 बजे के बीच शनिवार को किसी हाइवे पर यात्रा करते हैं, तो आप इस चक्का जाम में फंस सकते हैं।

-किसानों का कहना है कि वे चक्का जाम में फंसे लोगों को भोजन और पानी मुहैया कराएंगे।

-गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हुआ उसके बाद दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को भी इस विरोध से छूट है, क्योंकि इन दोनों राज्यों के किसानों को दिल्ली के विरोध स्थलों की ओर कूच करना पड़ सकता है। दिल्ली की ओर जाने वाली सभी सड़कें खुली रहेंगी जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।

-यह चक्का जाम कर किसान प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट निलंबन के खिलाफ अपना एक प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराना चाहते हैं।

यूपी, उत्तराखण्ड और दिल्ली में चक्का जाम न करने पर क्या बोले किसान नेता राकेश टिकैत?

यूपी और उत्तराखण्ड में चक्का जाम टालने के बारे में बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि इन दोनों जगहों को लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिए यूपी-उत्तराखंड के लोग अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों पर तय योजना के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से काम होगा।

दिल्ली के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि दिल्ली में तो पहले से चक्का जाम है, इसलिए दिल्ली को इस जाम में शामिल नहीं किया गया है। हिंसा के डर से इन जगहों पर चक्का जाम टालने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारे कार्यक्रमों में कहीं हिंसा नहीं होती, कई जगहों पर हुई महापंचायतें इसका प्रमाण हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सरकार से बात करना चाहते हैं, सरकार कहां पर है, वो हमें नहीं मिल रही।

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