
250 रूसी टैंक नष्ट किए, 10 हजार सैनिक मार गिराए: यूक्रेनी सेना का दावा
नई दिल्ली। 04 मार्च 2022 (हिन्दी समाचार) रूसी सैनिकों के हमले के बाद यूक्रेन में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में शुक्रवार तड़के आग लग गई। पास के शहर एनरगोडर के मेयर ने इसकी जानकारी दी है। यूक्रेन के कुछ हिस्सों में भारी लड़ाई और गोलाबारी जारी है। रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल रूसी आक्रमण पर चर्चा के लिए गुरुवार को ब्रेस्ट में दूसरे दौर की वार्ता के लिए मिले। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर यूक्रेन रूसी सेना के हाथों में जाता है, तो अगला निशाना बाल्टिक राज्य हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधी बातचीत युद्ध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है। आपको बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण की घोषणा की थी। इस युद्ध के एक सप्ताह हो चुके हैं। 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। अभी तक सैकड़ों लोगों की जान गई है।
यूक्रेन की सेना ने 250 रूसी टैंकों को नष्ट किया
यूक्रेन के सशस्त्र बलों का दावा है कि उन्होंने 250 रूसी टैंकों को नष्ट कर दिया है। साथ ही करीब 10,000 रूसी सैनिकों को मार गिराने का दावा भी किया है।
रूस के हमले के बाद 6 लाख लोग यूक्रेन से पोलैंड आए
पोलैंड बॉर्डर गार्ड्स ने शुक्रवार को कहा कि 24 फरवरी को रूस के आक्रमण शुरू करने के बाद से लगभग 6,24,500 लोग यूक्रेन से पोलैंड में आए हैं। गुरुवार को लगभग 99,200 लोगों ने एंट्री की और शुक्रवार को करीब 25,200 लोगों ने 0600 GMT को पार किया।
रूसी सेना ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र को सीज किया
रूसी सेना ने यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को सीज कर लिया है। इससे पहले जापोरिज्जिया पावर प्लांट में आग लगने की सूचना मिली थी, जिस पर रूसी सेना ने गोलाबारी की थी।
अमेरिकी नेता ने यूक्रेनी सरकार से सीमा पर नस्लीय भेदभाव समाप्त करने को कहा
अमेरिकी सीनेट के शीर्ष नेता ने यूक्रेनी सरकार से उसकी सीमा पर हो रहे नस्लीय भेदभाव को समाप्त करने का आग्रह किया है। युद्धग्रस्त यूक्रेन छोड़कर जा रहे कई छात्रों ने सीमा पर नस्लीय भेदभाव का शिकार होने की बात कही है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां पढ़ाई कर रहे कई छात्रों ने कहा है कि सीमा पर यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने उनके साथ नस्लीय भेदभाव किया। इन छात्रों में अधिकतर अफ्रीका और एशिया के छात्र हैं, जो यूक्रेन छोड़कर उसके आस-पास के देशों में जा रहे हैं।