निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें कापियों खरीदने के लिये नहीं करेंगे बाध्य

निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें कापियों खरीदने के लिये नहीं करेंगे बाध्य

धारा 144 के तहत आदेश जारी

शाजापुर, 20 अप्रैल 2023/ जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर श्री किशोर कुमार कन्याल ने स्कूल संचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकार को खत्म करने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 (1) (2) के तहत आदेश जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि पालकों, विभिन्न संगठनों एवं समाचार पत्रों आदि के माध्यम से ध्यान आकृर्षित किया गया है कि शाजापुर जिले निजी स्कूलों के संचालकों द्वारा छात्रों एवं पालकों को निर्धारित दुकानों से ही ड्रेस (यूनिफार्म), जूते, टाई, किताबें कापियाँ आदि खरीदने के लिये बाध्य किया जाता है। साथ ही कई बार सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक पाठ्यक्रम से जो सामग्री संबंधित नहीं है जैसे डिक्शनरी, एटलस, आर्ट/क्राफ्ट बुक, ड्राईंग बुक, क्रेयॉन्स, वॉटर कलर्स आदि का भी समावेश कर दिया जाता है। जबकि मितव्ययी, गुणवत्तापूर्ण एवं सर्वसुलभ शिक्षा व्यवस्था का निर्माण लोक कल्याणकारी प्रशासन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है। कतिपय स्कूल संचालकों व व्यवसायियों की सांठ-गांठ से इस प्रकार के कृत्य से विद्यार्थियों एवं उनके पालकों में रोष व्याप्त हो रहा है। साथ ही दूसरी ओर गरीब वर्ग के पालकों को इससे अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस तथ्य से भी अवगत कराया गया है कि निजी विद्यालयों के संचालक स्टेशनरी, यूनिफार्म आदि के विक्रेताओं से मिलकर पालकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहे हैं तथा पालकों को किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने के लिए बाध्य कर रहे है। इसके दुष्परिणाम यह होते है कि सामग्री एक तो महंगी होती हैं तथा यदि कोई पालक कक्षा के पूरे सेट न खरीदते हुवे केवल कुछ कॉपी-किताबें खरीदना चाहे हैं तो उसे केवल उतनी कापी किताबें देते हुए, पूरा सेट खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है।

जिला दण्डाधकारी श्री कन्याल द्वारा जारी आदेश अनुसार स्कूल संचालक/प्राचार्य स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिये अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व अपने स्कूल की वेबसाईट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे एवं अपने स्कूल परिसर में सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करेंगे। मान्यता नियमों के अन्तर्गत वेबसाईट होना अनिवार्य है। साथ ही पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय तक उपलब्ध करायेंगे। स्कूल संचालक एवं प्राचार्य, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें परीक्षा परिणाम अथवा उसके पूर्व क्रय किये जाने के लिए बाध्य नहीं करेंगे अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 15 जून 2023 तक क्रय कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में अप्रेल माह में प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र में 30 अप्रैल 2023 तक के मध्य का उपयोग विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन, व्यावहारिक व मनोवैज्ञानिक पध्दति से शिक्षण में किया जायेगा ।

स्कूल संचालक द्वारा विद्यार्थियों/अभिभावकों को पुस्तकें, कॉपियों, संपूर्ण यूनिफार्म आदि संबंधित स्कूल, संस्था अथवा किसी भी एक दुकान, विक्रेता, संस्था विशेष से क्रय किये जाने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा। स्कूल संचालक पालक शिक्षक संघ (पीटीएम) अथवा अन्य अवसरों पर सुनिश्चित करेंगे कि निजी प्रकाश, मुद्रक, विक्रेता स्कूल परिसर के भीतर प्रचार-प्रसार के लिए किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं करेंगे। स्कूल संचालक/ विक्रेता द्वारा पुस्तकों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है का समावेश सेट में नहीं किया जायेगा। कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट को क्रय करने की बाध्यता नहीं रखेगा। यदि किसी विद्यार्थी के पास पुरानी किताबें उपलब्ध हो तो उसके केवल उसकी आवश्यकता की पुस्तकें को ही विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे, ब्लेजर इसके अतिरिक्त होगा, विद्यालय प्रशासन के द्वारा स्कूल यूनिफार्म का निर्धारण इस प्रकार किया जायेगा कि कम से कम 03 सत्र तक उसमें परिवर्तन नहीं हो। विद्यालय प्रशासन द्वारा वार्षिकोत्सव अथवा अन्य किसी आयोजन पर किसी भी प्रकार की वेशभूषा को विद्यार्थियों एवं पालकों को क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा। जिन विषयों के संबंध में नियामक संस्था के द्वारा कोई पुस्तक प्रकाशित एवं मुद्रित नहीं की गई है उस विषय से संबंधित किसी अन्य पुस्तक को अनुशंसित करने के पूर्व स्कूल संचालक सुनिश्चित करेंगे कि उक्त पुस्तक की पाठ्यसामग्री ऐसी आपत्तिजनक नहीं हो, जिससे लोक प्रशांति भंग होने की संभावना हो।

यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एक पक्षीय पारित किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इस सम्बन्ध में अपनी आपत्ति/आवेदन दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (5) के तहत कलेक्टर को प्रस्तुत कर सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, आयोजक के विरुद्ध भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जा सकेगी। विद्यालय द्वारा उक्त आदेशों की अवहेलना किये जाने पर शाला के प्राचार्य/संचालक के साथ ही शाला प्रबंधक/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समस्त सदस्य भी दोषी होंगे। यह आदेश शाजापुर जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में आज 20 अप्रैल 2023 से 12 जून 2023 तक लागू रहेगा। जिले के समस्त विद्यालय अपने नोटिस बोर्ड पर उक्त सूचना चस्पा करेंगे। विद्यालय के प्राचार्य उक्त आदेशों की जानकारी प्रबंधक की प्रथम बैठक में सविस्तार रखना सुनिश्चित करें

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

पश्चिम बंगाल मे किस दल की सरकार बनेगी ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
.
Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275
.
Close