
छोटे उद्यमियों को सरकार का साथ मिलना जरूरीः तोमर
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (एजेंसी)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि छोटे उद्यमी सरकार के सहकार के बिना आगे नहीं बढ़ सकते, इसलिए जरूरी है कि उन्हें सरकार का साथ मिले। उन्होंने कहा कि आम गरीब आदमी तक लाभ पहुंचाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने सभी विभागों से समन्वय बनाने की कोशिश की है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को जनजातीय मामले मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के साथ पांच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ एक संयुक्त पत्र भी हस्ताक्षर किया। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकरण (पीएमएफएमई) योजना के लिए नोडल बैंक के रूप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई एक अन्य बैठक में 15 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के 231एक जिला- एक उत्पाद (ओडीओपी)भी अनुमोदित किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर तोमर के साथ, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा उपस्थित रहे।
तोमर ने कहा कि इन एमओयू के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने, जीवन स्तर में बदलाव लाने व सरकार की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों का जीवन संवारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताएं तो बहुत है, लेकिन सर्वप्रमुख है- सबका साथ, सबका विकास। छोटे उद्यमी सरकार के सहकार के बिना आगे नहीं बढ़ सकते, इसलिए जरूरी है कि उन्हें सरकार का साथ मिले।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम गरीब आदमी तक लाभ पहुंचाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने सभी विभागों से समन्वय बनाने की कोशिश की है। पीएमएफएमई स्कीम में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाना है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी संस्थाएं एमओयू के माध्यम से बेहतर काम करेगी, लोगों को प्रशिक्षण मिलेगा औरवे उत्पादन हेतु आगे आ सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि इस स्कीम में 800 करोड़ रुपये की उपलब्धता अनुसूचित जाति के लोगों के लिए है, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा और वे स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इन एमओयू से आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से पूरे देश को सबल बनाने का महत्वपूर्ण अवसर है। इनके माध्यम से लिंक बनने से विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को लाभ पहुंचेगा।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त पत्र से लघु वनोपज सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जनजातीय उद्यमों व समूहों की पहचान में आसानी होगी।